कल्याणी व्यू, नैनीताल रोड, रुद्रपुर - 263153
सरस्वती शिशु मन्दिर इण्टर कालेज
उत्तराखण्ड हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट बोर्ड परीक्षा में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने वालों में हाईस्कूल परीक्षा में बहिन आरती ने 95 अंक प्राप्त कर बोर्ड की परीयता सूची में 17वाँ स्थान प्राप्त किया, हिन्दी विषय में 99 अंक प्राप्त किये तथा विद्यालय स्तर पर हाईस्कूल में 61 छात्र/छात्राओं ने प्रथम स्थान प्राप्त किया जिसमें 29 छात्र/छात्राओं ने विशेष योग्यता हासिल की। विद्यालय का हाईस्कूल परीक्षा में उत्तीर्ण प्रतिशत 92 रहा।
इण्टरमीडिएट परीक्षा 49 छात्र/छात्राओं ने प्रथम स्थान प्राप्त किया जिसमें 11 छात्र/छात्राओं ने विशेष योग्यता हासिल की। भैया अंकित ने 90 प्रतिशत अंक प्राप्त कर विद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त किया। विद्यालय का इण्टरमीडिएट परीक्षाफल 90 प्रतिशत रहा। विद्यालय परिवार की तरफ विद्यालय के प्रबन्धक, अध्यक्ष एवं प्रधानाचार्य जी ने सभी के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
हाईस्कूल
क्र0 | अनुक्रमांक | नाम | पिता का नाम | प्राप्तांक | प्रतिशत | फोटो |
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01 | 19122498 | आरती | प्रेम प्रकाश | 476 | 95.2% | |
02 | 19122468 | मोहित | नेतराम | 452 | 90.4% | |
03 | 19122463 | कमलचन्द्र पोखरिया | उमेश चन्द्र पोखरिया | 443 | 88.6% |
इण्टरमीडिएट
क्र0 | अनुक्रमांक | नाम | पिता का नाम | प्राप्तांक | प्रतिशत | फोटो |
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01 | 19498952 | अंकित पन्त | महेशचन्द्र पन्त | 450 | 90% | |
02 | 19499006 | योगेश वर्मा | ठाकुरदास वर्मा | 439 | 87.8% | |
03 | 19498979 | नीरज सनवाल | दिनेशचन्द्र सनवाल | 434 | 86.8% |
विद्या भारती
सरस्वती शिशु मन्दिर एक देशव्यापी संगठन विद्या भारती के अंतर्गत संचालित है। सन् 1952 में श्री कृष्ण चन्द्र गाँधी द्वारा प्रथम सरस्वती शिशु मन्दिर गोरखपुर में स्थापित किया गया। भैय्या बहिनों में शिक्षा के साथ ही संस्कार, राष्ट्रभक्ति, स्वाबलम्बन आदि गुण निर्माण करने के लिए शिक्षकों को आचार्य का नाम दिया। हमारे शिक्षा विदों का मानना था कि संस्कार विहीन शिक्षा इस राष्ट्र को शक्तिशाली नहीं बना सकती। इस उद्देश्य से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की प्रेरणा से विद्या भारती का गठन किया गया जिसके माध्यम से आज देशभर में सरस्वती शिशु मन्दिर चलाए जा रहे हैं।
विद्या भारती के अंतर्गत शिशु शिक्षा समिति के द्वारा प्रथम से लेकर पंचम तक के नगरीय क्षेत्र के सरस्वती शिशु मन्दिर चलाए जाते है तथा ग्रामीण क्षेत्र में कक्षा प्रथम से पंचम तक के विद्यालय जन शिक्षा समिति के अंतर्गत चलाए जाते हैं। कक्षा-षष्ठ से द्वादश तक के विद्यालय भारतीय शिक्षा समिति के अन्तर्गत चलाये जाते हैं।