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सरस्वती शिशु मन्दिर इण्टर कालेज

उत्तराखण्ड हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट बोर्ड परीक्षा में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने वालों में हाईस्कूल परीक्षा में बहिन आरती ने 95 अंक प्राप्त कर बोर्ड की परीयता सूची में 17वाँ स्थान प्राप्त किया, हिन्दी विषय में 99 अंक प्राप्त किये तथा विद्यालय स्तर पर हाईस्कूल में 61 छात्र/छात्राओं ने प्रथम स्थान प्राप्त किया जिसमें 29 छात्र/छात्राओं ने विशेष योग्यता हासिल की। विद्यालय का हाईस्कूल परीक्षा में उत्तीर्ण प्रतिशत 92 रहा।


इण्टरमीडिएट परीक्षा 49 छात्र/छात्राओं ने प्रथम स्थान प्राप्त किया जिसमें 11 छात्र/छात्राओं ने विशेष योग्यता हासिल की। भैया अंकित ने 90 प्रतिशत अंक प्राप्त कर विद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त किया। विद्यालय का इण्टरमीडिएट परीक्षाफल 90 प्रतिशत रहा। विद्यालय परिवार की तरफ विद्यालय के प्रबन्धक, अध्यक्ष एवं प्रधानाचार्य जी ने सभी के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।



हाईस्कूल


क्र0अनुक्रमांकनामपिता का नामप्राप्तांकप्रतिशतफोटो
01 19122498 आरती प्रेम प्रकाश 476 95.2%  
02 19122468 मोहित नेतराम 452 90.4%  
03 19122463 कमलचन्द्र पोखरिया उमेश चन्द्र पोखरिया 443 88.6%  


इण्टरमीडिएट


क्र0अनुक्रमांकनामपिता का नामप्राप्तांकप्रतिशतफोटो
01 19498952 अंकित पन्त महेशचन्द्र पन्त 450 90%  
02 19499006 योगेश वर्मा ठाकुरदास वर्मा 439 87.8%  
03 19498979 नीरज सनवाल दिनेशचन्द्र सनवाल 434 86.8%  

विद्या भारती

सरस्वती शिशु मन्दिर एक देशव्यापी संगठन विद्या भारती के अंतर्गत संचालित है। सन् 1952 में श्री कृष्ण चन्द्र गाँधी द्वारा प्रथम सरस्वती शिशु मन्दिर गोरखपुर में स्थापित किया गया। भैय्या बहिनों में शिक्षा के साथ ही संस्कार, राष्ट्रभक्ति, स्वाबलम्बन आदि गुण निर्माण करने के लिए शिक्षकों को आचार्य का नाम दिया। हमारे शिक्षा विदों का मानना था कि संस्कार विहीन शिक्षा इस राष्ट्र को शक्तिशाली नहीं बना सकती। इस उद्देश्य से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की प्रेरणा से विद्या भारती का गठन किया गया जिसके माध्यम से आज देशभर में सरस्वती शिशु मन्दिर चलाए जा रहे हैं।


विद्या भारती के अंतर्गत शिशु शिक्षा समिति के द्वारा प्रथम से लेकर पंचम तक के नगरीय क्षेत्र के सरस्वती शिशु मन्दिर चलाए जाते है तथा ग्रामीण क्षेत्र में कक्षा प्रथम से पंचम तक के विद्यालय जन शिक्षा समिति के अंतर्गत चलाए जाते हैं। कक्षा-षष्ठ से द्वादश तक के विद्यालय भारतीय शिक्षा समिति के अन्तर्गत चलाये जाते हैं।